What Does Shiv chaisa Mean?

जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

बृहस्पतिदेव की कथा

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सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥ जो यह shiv chalisa in hindi पाठ करे मन लाई ।

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥

स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

शिव भजन

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